बीसीसीआई मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. नए प्रशासक की नियुक्ति के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केंद्र और BCCI नाम सुझा सकते हैं. हालांकि, ऐसे ही नाम सुझाए जा सकते हैं जिनकी उम्र 70 साल से ज्यादा न हो. बता दें कि लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों की अवहलेना के बाद पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने BCCI प्रेसिडेंट अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को हटा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि कोर्ट द्वारा बनाये जा रहे प्रशासक बीसीसीआई में अगले चुनाव होने तक ही काम करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि जब कोर्ट बीसीसीआई को लेकर फैसला सुना रहा था तो आप कहां थे. मुकुल रोहतगी कोर्ट में रेलवे, सर्विसेज और यूनिवर्सिटीज़ संघ की तरफ से पेश हुए थे और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचेगा. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाने से पहले उनका पक्ष नहीं सुना था. 20 जनवरी को हुई सुनवाई में एमिकस क्यूरी ने एडमिनिस्ट्रेटर के लिए 9 नाम बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे थे, जिन पर कोर्ट विचार कर सकता है. एमिकस क्यूरी में गोपाल सुब्रमण्यम और अनिल दीवान शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया था कि लोढ़ा कमेटी की सिफारिश के आधार किपर ऐसे सी भी शख्स को बीसीसीआई में पद नहीं दिया जा सकता जो 70 साल से ज्यादा हो, कोई भी मंत्री, सरकारी कर्मचारी, दोषी व्यक्ति और यहां तक की 9 साल से ज्यादा क्रिकेट में ही एक पद पर न हों.