वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को संसद में शायरना अंदाज़ में आम जनता को ध्यान में रखकर बजट पेश किया। इस मौके पर उनके पिटारे से कई ऐसी सौगातें निकली जिसने विपक्षी पार्टियों के माथे पर बल डाल दिये हैं। आम बजट 2017 में कटौती की गई तो किसानों के लिए भी जेटली ने अपनी सरकार का पिटारा खोला. किसानों को 10 लाख करोड़ का कर्ज देने का ऐलान किया, खासकर पूर्वोंत्तर और जम्मू-कश्मीर के किसानों को प्रमुखता दी जाएगी इसका भी वित्त मंत्री ने ऐलान किया।
जेटली के बजट भाषण के मुख्य अंश :-
-सरकार कुल 21.47 लाख करोड़ खर्च करेगी
-निवेश के लिए 1.5 लाख तक की सीमा
-5 से 10 लाख तक 20 प्रतिशत इनकम टैक्स
-10 लाख से ज्यादा आय पर 30 प्रतिशत तक टैक्स
-1 करोड़ से ज्यादा आय वालों पर 15 प्रतिशत सरचार्ज जारी रहेगा
-50 लाख से 1 करोड़ तक की आय पर 10 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा
-टैक्स स्लैब में बदलाव, 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5% टैक्स
-इनकम टैक्स घटाया गया
इनकम टैक्स में राहत: 3 लाख की कमाई टैक्स फ्री, करदाताओं को 12,500 का फायदा
-3 लाख तक की आय पर अब कोई टैक्स नहीं
-राजनीतिक दलों को 2 हजार से ज्यादा रकम चेक या ड्राफ्ट से लेनी होगी
-एक पार्टी एक व्यक्ति से कैश में 2 हजार ही ले सकती है
-बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक पार्टियों को दिया जा सकता है
-राजनीतिक दलों को आयकर दाखिल करना होगा
-3 लाख से ज्यादा कैश में लेनदेन नहीं
-3 लाख से ज्यादा कैश में लेन-देन नहीं
-राजनीतिक दल अब सिर्फ 2000 ही कैश ले सकती हैं, अब तक 20000 थी लिमिट
-छोटी कंपनियों को कर में राहत का ऐलान
-50 करोड़ तक सलाना टर्न ओवर वाले को देना पड़ेगा 25 % टैक्स. बता दें कि अभी टैक्स 30 प्रतिशत देना पड़ता है
-मध्यम वर्ग को राहत, सस्ता लोन देने पर जोर
-नोटबंदी के बाद लोगों को आय ज्यादा बतानी पड़ रही है
-सस्ते घरों के लिए योजना में लाएंगे बदलाव
-भूमि अधिग्रहण पर मुआवजा कर मुक्त होगा
-सिर्फ 24 लाख लोग 10 लाख से ज्यादा आय दिखाते हैं
-99 लाख लोगों ने 2.5 लाख से कम आय बताई
-कर चोरी का भार ईमानदार लोगों पर पड़ता है
-1.72 लाख लोगों ने 50 लाख से ज्यादा आय बताई
-टैक्स बचाने वालों की संख्या ज्यादा
-भीम एप से भुगतान को बढ़ावा दिया जाएगा
-चेक बाउंस होने पर कड़े होंगे नियम
-आर्थिक अपराधियों पर सख्त होगी सरकार
-देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त होगी
-फौजियों के लिए केंद्रीकृत यात्रा प्रणाली
-रक्षा बजट के लिए 274114 करोड़ का बजट
-वैज्ञानिकों मंत्रालयों के लिए 37435 करोड़ आवंटित
-सरकार घाटा 3.2 प्रतिशत, अगले साल 3 प्रतिशत करने का लक्ष्य
-गैर कानूनी जमा पर नए कानून बनेंगे
-वित्तीय क्षेत्र के लिए QRT का प्रस्ताव
-व्यापारियों के लिए कैशबैक योजना का प्रस्ताव
-2.5 हजार करोड़ डिजिटल लेन-देन का लक्ष्य
-FDI को और उदार बनाया जाएगा, FIPB खत्म होगा
-आधार कार्ड से पेमेंट करने के लिए 20 लाख मशीनें लगाईं जाएंगी
-डिजिटल योजना में पोस्टऑफिस की भी भागीदारी होगी
डाकघर में बनाये जायेंगे पासपोर्ट
-हाईवे के विकास के लिए 64 हजार करोड़
-विदेश निवेश के लिए ऑनलाइन अर्जी दायर कर सकेंगी कंपनियां
-90 प्रतिशत से ज्यादा एफडीआई ऑटो रूट के जरिए
-बुनियादी ढांचे के लिए 3.96 लाख करोड़ का आवंटन
शेयर बाजार में IRCTC बतौर कंपनी लिस्ट होगी
-मेट्रो रेल के लिए नई नीति की घोषणा की जाएगी
-पीपीपी मॉडल से छोटे शहरों में भी एयरपोर्ट बनाए जाएंगे
-टूरिज्म और धार्मिक यात्राओं के लिए अलग से ट्रेनें चलाई जाएंगी
-कोच की शिकायतों के लिए कोच मित्र योजना लाई जा रही है
-वरिष्ठ नागरिकों के लिए LIC योजना लाएगी सरकार
-2019 तक सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट्स
-रेल विकास के लिए 1.32 लाख करोड़ आवंटित
-रेलवे स्टेशनों को दिव्यांगों के लिए आसान बनाया जाएगा
-3500 किमी. नई रेल लाइन बनेंगी
-7000 हजार स्टेशनों पर सोलर लाइनें
-IRCTC से ई-टिकट पर सर्विस चार्ज नहीं लगेगा
-रेलवे स्टेशनों को दिव्यांगों के लिए आसान बनाया जाएगा
-मेडिकल PG कोर्स में 5 हजार सीटें बढ़ाई जाएंगी
-रेलवे में विकास और स्वच्छता पर जोर
-मानव रहित क्रॉसिंग पूरी तरह से खत्म
-रेलवे सेफ्टी के लिए 1 लाख करोड़ आवंटित
-स्टेशनों के विकास के लिए 25 स्टेशनों का चयन
-2018 तक चेचक और 2022 तक टीबी खत्म करेंगे
-झारखंड और गुजरात में 2 नए एम्स बनेंगे
-2017 तक कालाबाजर समाप्त करने का ब्लूप्रिंट
-350 ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की शुरुआत
-स्किल इंडिया के लिए 1000 कौशल केंद्र
-IIT और मेडिकल परीक्षाओं के लिए अलग से बॉडी बनेगी. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी बनाने का प्रस्ताव
-उच्च शिक्षा में सुधार के लिए UGC में सुधार होगा
-फसल बीमा के लिए 9 हजार करोड़
-पीएम आवास योजना में 23 हजार करोड़ का आवंटन
-पीएम सड़क योजना में 2019 तक 4 लाख करोड़ खर्च करेंगे
-प्रधानमंत्री अवास योजना के तहत 2019 तक एक करोड़ घर दिए जाएंगे
-अगले साल 1 मई तक देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचा दी जाएगी
-5 हजार करोड़ सिंचाई फंड के लिए
-मनरेगा के लिए अब तक का सबसे बड़ा आवंटन, दिए 48 हजार करोड़
-8 हजार करोड़ का डेयरी विकास कोष
-जम्मू-कश्मीर और पूर्वोंत्तर के किसानों को कर्ज में प्रमुखता
-हर गरीब को रोजगार देने की कोशिश
-10 लाख तलाबों का लक्ष्य पूरा किया जाएगा
-बापू की 150वीं जयंती पर 1 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर लाने का लक्ष्य
-किसानों को 10 लाख करोड़ का कर्ज देंगे
-किसानों को कर्ज देने वाली संस्था का कम्प्यूटरीकरण
-2017-18 में कृषि विकास दर 4.1 का अनुमान
-फसल बीमा अब 30 की बजाय 40 फीसदी होगा
-नोटबंदी से भ्रष्टाचार कम होगा
-करों को लेकर ईमानदार व्यक्तियों का सम्मान होगा
-गांव की तरक्की और बुनियादी ढांच पर जोर दिया जाएगा
-किसानों की आय 5 साल में दोगुनी करने की कोशिश
-जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए TEC योजना
-TEC इंडिया सरकार का अगला एजेंडा
-नोटबंदी से लॉन्ग टर्म फायदा, बैंक सस्ते कर सकते हैं कर्ज
-नोटंबदी का असर आने वाले सालों में खत्म होगा
-नोटबंदी के दौरान काफी कैश आया, टैक्स बढ़ेगा
बजट के दौरान जेटली ने पढ़ी शायरी
इस मोड़ पर घबरा कर न थम जाइए आप, जो बात नई है अपनाइए आप, डरते हैं क्यों नई राह पर चलने से आप, हम आगे आगे चलते हैं आइए आप
-जेटली ने कहा- नोटबंदी से घरेलु विकास में तेजी आएगी
-दालों के उत्पादन में तेजी आएगी
-विदेशी मुद्रा भंडार 361 अरब डॉलर हुआ
-महंगाई दर 2 से 6 फीसदी के बीच रहेगी
-युवाओं और रोजगार पर फोकस है
-पेट्रोलियम की कीमतों में कमी आ सकती है
-चालू घाटा सकल घरेलू उत्पाद से घटा है
-ढाई साल में ट्रांसपेरेंसी आई है
-जीएसटी से ग्रोथ में आएगी जबरदस्त तेजी
-जेटली ने कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में चमकता हुआ सितारा
-जेटली ने कहा- सरकार की नीतियों में बदलाव किए
-जेटली ने कहा- सबको फायदा मिले ये सरकार की कोशिश
-जेटली ने बजट भाषण शुरू किया
बजट पेश होने पर था सस्पेंस
पहले आशंका जताई जा रही थी कि सांसद ई. अहमद के निधन के बाद बजट को गुरुवार तक के लिए टाला जा सकता है, लेकिन स्पीकर ने स्पष्ट कर दिया है कि बजट तो पेश करना ही होगा, ये संवैधानिक जिम्मेदारी है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब रेल और आम बजट एक साथ पेश किए जा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस ने एक दिन के लिए बजट टालने को बोला है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज बजट पेश करना अमानवीय होगा।
नोटबंदी के बाद पहला बजट
इस बार का बजट कई मायनों में खास था। सरकार के सामने एक और अर्थव्यवस्था की तरक्की को रफ्तार देने की चुनौती थी तो दूसरी ओर नोटबंदी के मद्देनजर आम जनता को राहत देने पर भी जेटली का ध्यान था। आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी बजट की अहमियत बढ़ गई थी।