कृषि को बढ़ावा देने के लिए एडवाइजरी बोर्ड का होगा गठन

देहरादून : प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा कृषि एवं उद्यान गतिविधियों को पहाड़ों में पलायन रोकने के लिए  महत्वपूर्ण बताते हुए प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का संकल्प है कि किस प्रकार कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देकर किसान की मेहनत के अनुरूप लाभ दिलाया जाये। उन्होंने कहा फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए सरकार द्वारा कृषि भूमि के चारो ओर वानस्पितिक घेर बाड़ पर कृषि तथा वन विभाग संयुक्त रूप से कार्य योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि, पशुपालन, उद्यान रेसम, जड़ी-बूटी को बढावा देने के लिए विशेषज्ञों की एडवाईजरी बोर्ड का गठन भी किया जायेगा। जिनकी संस्तुति से स्थानीय आवश्यकतानुसार योजनाओं का संचालन किया जायेगा। उन्होंने निदेशक उद्यान को फूड प्रोडक्सन आॅर्गेनाईजेशन के माध्यम से किसानों को ब्याज मुक्त ऋण दिलाने के लिए भी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं अन्य केन्द्र पोषित योजना से कूल कलैक्सन सेन्टर स्थापित किये जाने की भी कार्य योजना है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में कृषि की विभिन्न योजनाओं में मदद हेतु वे केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह जी से मुलाकात करने गये थे, जिसमें उनके द्वारा प्रदेश सरकार को हर सम्भव सहयोग का आश्वासन प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय कृषि मंत्री द्वारा प्रदेश में 2 कृषि महाविद्यालय स्थापना हेतु भी सहमति मिली है। उन्होंने पन्तनगर एवं भरसार यूनिवर्सिटी के उप-कुलपतियों को लिखे पत्र में विश्वविद्यालय में वालनट एवं अदर नट पर शोध विषयक योजना प्रस्तावित करने की अपेक्षा की है, तथा निदेशक उद्यान विभाग को केन्द्र सहायाता योजना के अन्तर्गत अखरोट के क्षेत्रफल विस्तार तथा प्रशिक्षण इत्यादि पर प्रोजैक्ट तैयार करने के निर्देश दिये। तथा उत्तराखण्ड में बोर्ड की स्थापना के भी निर्देश दिये। उन्होंने कृषि एवं उद्यान की फसलों के लिए पानी की समूचित व्यवस्था हेतु पेयजल मंत्री से भी अपेक्षा की है।
उन्होंने कहा कि उद्यान एवं कृषि विषय को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड से अनुरोध करेंगे।