38वें राष्ट्रीय खेल की तैयारी में जुटी सरकार

देहरादून: यह गौरव की बात है कि राज्य में खेल हो रहे है, किंतु इन खेलों की सार्थकता तभी है, जब इन खेलों के बाद उत्तराखंड में खेल का माहौल बन सकें। ये बात सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के संबंध में सचिवालय में बैठक में कही।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का प्रदर्शन श्रेष्ठ करने के लिए अभी से तैयारी करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर विदेशों से भी ट्रेनर एवं कोच लाए जाएं। उत्तराखंड के लिए बैडमिंटन, बॉक्सिंग, बास्केटबॉल, वाटर स्पोर्ट्स, जूडो-कराटे व एथेलेटिक्स में विशेष प्रर्दशन की संभावनाए हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पूर्व न्याय पंचायत, ब्लॉक, जनपद एवं राज्य स्तर पर खेल महाकुंभ का भी आयोजन किया जाए। खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सभी खिलाड़ियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाए, ताकि उत्तराखंड में खेल का वातावरण तैयार हो सकें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि चयन प्रक्रिया में विशेष निष्पक्षता व पारदर्शिता बरती जाए।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खेलों के लिए अवस्थापना विकास पर बल दिया। उन्होंने खेलों के बाद इसके बेहतर रखरखाव एवं दुरुपयोग को रोकने के लिए कार्ययोजना बनाने की बात कही। प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल का लोगो डिजाइन में छलांग मारता व्यक्ति, पहाड़, नदियां होंगी तथा मस्कट डिजाइन में सुंदर मोनाल पक्षी होगी। राष्ट्रीय खेल का प्रमुख केंद्र देहरादून व हल्द्वानी होगा। इसके अतिरिक्त अन्य खेलों के आयोजन हेतु टिहरी, पिथौरागढ़, ऋषिकेश, अल्मोड़ा व रूड़की का भी उपयोग किया जायेगा।